मुख्य बातें :
⬛ प्रति वर्ष 5 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाया जाता है।
⬛ इस दिन डॉ राधा कृष्णन का जन्म हुआ था।
⬛ डॉ राधा कृष्णन देश के पहले उपराष्ट्रपति और दूसरे राष्ट्रपति थे।
🔎शिक्षक दिवस : इतिहास:
डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन शिक्षक, दार्शनिक, राजनयिक और राजनेता थे. वह हमारे देश के पहले उपराष्ट्रपति और दूसरे राष्ट्रपति थे. दरअसल 13 मई, 1962 को जब वह राष्टर्पति बने तो उनके छात्रों ने बड़े स्तर पर उनका जन्मदिन मनाने की स्वीकृति मांगी. इस पर राधाकृष्णन ने कहा कि अगर वे इस दिन को देशभर के शिक्षकों के सम्मान में शिक्षक दिवस के रूप में मनाएं तो मुझे गर्व होगा. इस तरह देशभर में पहली बार 5 सितंबर 1962 में डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिन के अवसर पर शिक्षक दिवस मनाने की शुरुआत हुई.🔎डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन :
भारत के भूतपूर्व राष्ट्रपति डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्मदिन (5 सितंबर) भारत में शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है।उन्होंने अपने छात्रों से जन्मदिन को शिक्षक दिवस के रूप में मनाने की इच्छा जताई थी। दुनिया के 100 से ज्यादा देशों में अलग-अलग तारीख पर शिक्षक दिवस मनाया जाता है।देश के पहले उप-राष्ट्रपति डॉ राधाकृष्णन का जन्म 5 सितंबर 1888 को तमिलनाडु के तिरुमनी गांव में एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था। वे बचपन से ही किताबें पढ़ने के शौकीन थे और स्वामी विवेकानंद से काफी प्रभावित थे। राधाकृष्णन का निधन चेन्नई में 17 अप्रैल 1975 को हुआ|
🔎डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन का प्रारम्भिक जीवन :
डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म 5 सितम्बर 1888 को मद्रास प्रेसीडेन्सी के चित्तूर जिले के तिरूत्तनी ग्राम के एक तेलुगुभाषी ब्राह्मण परिवार में हुआ था. राधाकृष्णन के पुरखे पहले कभी 'सर्वेपल्ली' नामक ग्राम में रहते थे और 18वीं शताब्दी के मध्य में उन्होंने तिरूतनी ग्राम की ओर निष्क्रमण किया था. परिवार निर्धन था लेकिन परिवार में विद्या का महत्व था. उनके पिता राजस्व विभाग में काम करते थे. परिवार बड़ा था. इसलिए सीनित आय में घर चलाने में परेशानी होती थी.
प्रारम्भिक शिक्षा गांव में पूरी करने के बाद उन्होंने 1902 में मैट्रिक स्तर की परीक्षा उत्तीर्ण की और उन्हें छात्रवृत्ति भी प्राप्त हुई. दर्शनशास्त्र में एमए करने के पश्चात् 1918 में वे मैसूर महाविद्यालय में दर्शनशास्त्र के सहायक प्राध्यापक नियुक्त हुए. बाद में उसी कॉलेज में वे प्राध्यापक भी रहे. डॉ. राधाकृष्णन ने अपने लेखों और भाषणों के माध्यम से विश्व को भारतीय दर्शन शास्त्र से परिचित कराया. डॉ. राधाकृष्णन को सन् 1954 में भारत सरकार ने उन्हें सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न से अलंकृत किया था.
🔎भारत में पहली बार कब मनाया गया था शिक्षक दिवस :
वैसे तो भारत में शिक्षक दिवस डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के समय से ही मनाया जाता रहा है। साल 1994 में यूनेस्को ने 5 अक्टूबर को अंतर्राराष्ट्रीय शिक्षक दिवस मनाने की घोषणा की। जबकि भारत में हर साल 5 सितंबर को ही टीचर्स डे मनाया जाता है। इस दिन स्कूलों में कार्यक्रम होते हैं और शिक्षकों का सम्मान किया जाता है।
🔎शिक्षक का महत्व :
सर्वपल्ली राधा कृष्णन के जन्मदिन को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस महान राष्ट्रपति ने कहा कि पूरी दुनिया एक विद्यालय है जहां से कुछ न कुछ सीखने को मिलता है। जीवन में शिक्षक हमें केवल पढ़ाते ही नहीं है बल्कि हमें जीवन के अनुभवों से गुजरने के दौरान अच्छे-बुरे के बीच फर्क करना भी सिखाते हैं।
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